Ratan Tata ने क्यों किया आईपीएल को स्पॉन्सर 2022 मे ?

Ipl को क्यों कर रहे है स्पॉन्सर रतन टाटा आइए जानते है। रतन टाटा ने चाईनीज कंपनी से स्पोंशिप क्यों वापस ली।
हमारे भारत देश रतन टाटा नाम बड़े आदर के साथ लिए जाता है।रतन टाटा भारत देश का एक मजबूत हिस्सा है। क्यूंकि शायद ही कोई ऐसा सेक्टर हो जिसमें टाटा ना हो। 100 से ज्यादा इंडस्ट्रीज है उनकी पूरी दुनिया में। ये चाहे तो भारत के या फिर दुनिया के सबसे अमीर इंसान बन सकते है। पर वो देश कि तरक्की में विश्वास करते है।
रतन टाटा ने आईपीएल को स्पॉन्सर क्यों किया ?
आईपीएल 2008 मे शुरू होने के बाद सिर्फ पहले 4 सालो के लिए एक इंडियंस कंपनी आईपीएल कि टाइटल स्पॉन्सर थी।उसके बाद पेप्सी और फिर एक चाइनीज मोबाइल कंपनी vivo ने स्पॉन्सर किया। क्या हमारे भारत में ऐसी कोई कंपनी नहीं है जो आईपीएल जैसे बड़े ससपोर्टिंग इ नीवेंट स्पॉन्सर करे।
आईपीएल को भारत का सुपर बोल माना जाता है,जो सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि एक त्योहार के रूप में माना जाता है।2021  दुनिया भरमे 40 करोड़ से बी ज्यादा लोगो ने आईपीएल को अपने घरों मे बैठकर देखा आईपीएल फ्रेंचाइजी कॉस्ट  सिर्फ 13 सालो मे 17 गुना बढ़ चुकी है। बीसीसीआई ने इसी साल दो नई टीम के लाइसेंस बेच कर
12 हज़ार 750 करोड़ कमाए है । आईपीएल सिर्फ एक टूर्नामेंट से गलोब्ली का क्रिकेट का 40% का रेवन्यू आता है। आईपीएल ब्रांड के तौर पर 50 हज़ार करोड़ से बी ज्यादा वैल्यू का बन चुका है। और अब बीसीसीआई आनेवाले 5 सालो मे इस ब्रांड की वैल्यू डबल करने की प्लानिंग कर रहा है,यानी कि 1 लाख करोड़ और इस ब्रांड का फायदा एक चाइनीज कंपनी को हो रहा था। क्यूंकि जब भी कोई कंपनी आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर बनती है तब मीडिया मे जब भी आईपीएल का मेंशन होता है,तब उस कंपनी का नाम आईपीएल से बी पहले आता है यानी आईपीएल इंडियन प्रमियर लीग होने के बावजूद उसे vivo ipl कहा जाता था।यानी इंडिया से पहले चायना का नाम आता था। क्या यह सही है आपको क्या लगता ? Vivo हर साल आईपीएल स्पॉन्सरशिप के लिए 440 करोड़ चुका रहा था।लेकिन इससे vivo को नुकसान नहीं था क्यों कि vivo कम्पनी को इंडियन मार्केट मे फायदा हो रहा था पर vivo का एक साल का कॉन्ट्रैक्ट बाकी था फिर भी ज्यादा पैसे देकर रद्द करवाया क्यों?क्युकी गलवान वेली मे जो कुछ हुआ उससे हम भारतीय लोगों को नजरिया है बदल गया चाइनीज ब्रांड को देखने का,नुकसान vivo का भी था और बीसीसीआई का भी था।लेकिन आईपीएल एक इंडियन ब्रांड है इसके राइट्स हम चाइनीज कंपनी को क्यों दे उससे फायदा लेनेका मौका हम चाइना को क्यों दे,इसलिए टाटा कंपनी ने vivo से आईपीएल के राइट्स खरीदे। टाटा सिर्फ एक कंपनी नहीं भारत देश कि हमसफर है। और टाटा ने भारत का हर कदम पर साथ दिया है, और टाटा का आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर करना ये बिसनेस के लिए बी बहुत जरूरी है क्युकी अभीतक जो कंपनी आईपीएल को स्पोंसर कर रही थी वो सिर्फ एक चीज़ के जनी जाती थी पर टाटा सभी प्रोडक्ट मे आ चुका है।इसलिए हमारे भारत देश को भी फायदा है और हम आत्मनिर्भर बन सकते है हम किसी चाइनीज कंपनी के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा।

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