हार्टअटैक का खतरा गरमियों में इंन बीमारियों से रहता है।

हार्टअटैक का खतरा इन बीमारियों से रहता है इसलिए खास ध्यान रखे 

बदलते मौसम का  असर लोगो पर दिखने लगा है।इस बार मार्च महीने कि गरमी के कारण लोगो के स्वास्थ्य पर खराब असर हो रहा है।भीषण गर्मी के कारण हृदयरोग के मरीजों को काफी तकलीफ बढ़ सकती  है।इसलिए उनको इस तकलीफ से बचने के लिए कुछ निष्णतों ने बताया कि अगर आपको ये लक्षण दिखे तो आपको नजर अंदाज़ नहीं करना चाहिए।

थकान होना।

बदलते हुए गरमी के मौसम के कारण लोगो को थकान लगती है।ये तकलीफ आपके साथ बी हो रही है तो हो जाइए सावधान उसकी वजह से आप के हार्ट पर असर हो सकता है।वास्तव मे कार्डियेक अरेस्ट होने पर शरीर में खून कि कमी होने लगती है।पर लोगो इसे सामान्य तकलीफ समझ कर उसे नजरअंदाज करते हैं। पर आपको एसे मे किसी डॉक्टर कि सलाह लेनी चाहिए ताकि आनेवाले तकलीफ के बारे में आपको पता चले और आप बड़ी बीमारी से या फिर हार्टअटैक जैसी तकलीफ से बच सकते है।

बेहोश हो जाना

गर्मी के मौसम में लोगो के साथ अक्सर ऐसा होता है को वह बेहोश हो जाते है और समजते है कि पानी कि कमी या फिर गरमी की वजह ऐसा हो रहा है तब नॉर्मल फ्लो मे हमरा हृदय खून का संचार नहीं कर पाता इसलिए हम बेहोशी जैसी तकलीफ होती है ऐसे में ध्यान रखने वाली बात है कि आपको ऐसे हल्के मे नहीं लेना है नहीं तो आपको हार्ट अटैक हो सकता है।

मेदस्विता का बढ़ना

लोगो को गरमी के मौसम में गुमते वक्त बहुत जल्दी थकान हो जाती है सुबह ताप जल्दी आने कि वजह से लोगो का मॉर्निंग वॉक का समय जल्दी खत्म हो जाता है।ऐसी स्थिति मे फेट बढ़ने लगते है जिसका सीधा असर आपके हृदय पर हो सकता है वजन बढ़ने के साथ ही हमारे हृदय का अकरसीबी बड़ा हो जाता है और हृदय के आकार बढ़ने के साथ ही हमे हार्ट अटैक या फिर स्ट्रोक जैसी बीमारी का खतरा रहता है।एक रिसर्च मे पता चला है कि वजन बढ़ने के साथ ही हमारे हृदय का वजन 8 ग्राम जितना बढ़ जाता है और हृदय के आकार में बी 5%जितना बड़ा हो जाता है।

माइग्रेन होना

दरसअल बढ़ती  हुई गरमी मे  हमे माइग्रेन जैसी समस्या होती है। पर इसका मुख्य कारण गरमी नहीं है। वास्तव में बढ़ती गरमी की सीज़न मे मरीजों के हृदय पर दबाव होता है और गरमी के सम्पर्क में आने से हृदय को खून पोहचाने वाली नसो के अंदर गाठ बन जाने का भय रहता है इस वजह से आपको हार्ट अटैक हो सकता है।

ऐसे में आपको क्या नहीं करना है?

* हृदय के मरीज को गरमी मे ज्यादा काम करने से बचना चाहिए।

* सिर दुखना,उल्टी होना,चलकर आना,और कमजोरी होना एसे लक्षण दिखाई दे तो आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए

* मासपेशियों मे खीचाव सांस लेने मे तकलीफ के लिए घरेलू नुस्खों अपनाने का प्रयास ना करे।


* अगर त्वचा ठंडी ओर नम है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह ले।

* योग करे  हार्ट अटैक से बचने के लिए क्यूंकि योग करने से हमारे शरिर को बहुत फायदा होता है ।

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